मेरी दत्तक ग्रहण की कहानी
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क्रिस्टोफर अटगेका |
TEDGlobal 2017
• August 2017
टेड सहभागी क्रिस्टोफर अटगेका कहते हैं, "प्रतिभा सार्वभौमिक होता है, बल्कि मौके नहीं"
इस आकर्षक, आशावादी भाषण में, ाटगेका अपने बचपन में अनाथ होने की कहानी सुनते हैं, और यह बताते हैं की अपनाये जाने पर उनको कैसे एक नया संस्कृतिक अनुभव , शिक्षा और अपनी पूर्ण क्षमता को हासिल करने का मौका मिला.
अटगेका कहते हैं,"शायद हम इस दुनिया की कट्टरता और नस्लवाद को कभी सुलझा न पाए लकिन हम ज़रूर भच्चे पाल सकते हैं जो एक आशावादी, समावेशी और जुड़ा हुआ संसार बना सकते हैं: सहानुभूति से भरा,प्यारा और दयालु."