दुनिया से जाने की रीत
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बॉब स्टेइन |
TED Residency
• November 2017
हमारी ज़िंदगी के शुरुआती पड़ावों के लिये हम रीतियों का इस्तेमाल करते हैं, जैसे जन्मदिन और दीक्षांत समारोह मनाना- लेकिन हमारी ज़िंदगी के बाद के सालों का क्या? पिछली और आगे आने वाली ज़िंदगी से जुड़ी इस चिंतनशील चर्चा में बॉब स्टीन ने बुढ़ापे में अपनी चीजों को देने (और उनके पीछे की कहानियों को साझा करने), अपने अब तक के जीवन पर प्रतिबिंबित करने और आगे जो कुछ भी हो उसके लिये अपने दरवाज़े खुले रखने की एक नई परंपरा का सुझाव दिया है।